राहुल एक कॉलेज छात्र था, जो हमेशा अपने दोस्तों के साथ मजाक-मस्ती में रहता था। एक दिन उसे एक पुराने दोस्त से कॉल आया, जिससे वह बहुत दिनों से बात नहीं कर पाया था। दोस्त का नाम था अरविंद।
राहुल ने जैसे ही कॉल उठाई, दूसरी तरफ से धीमी और डरावनी आवाज़ आई, "राहुल, मुझे बचा लो। मैं फँस गया हूँ।"
राहुल को पहले लगा कि यह कोई मजाक है, लेकिन आवाज़ में छिपी हुई घबराहट ने उसे चिंतित कर दिया। उसने पूछा, "कहाँ हो तुम, अरविंद?"
आवाज़ ने कहा, "पुराने स्कूल के पीछे वाले जंगल में। जल्दी आओ, वरना बहुत देर हो जाएगी।"
राहुल ने तुरंत अपने दोस्तों को साथ लिया और पुरानी स्कूल के पीछे वाले जंगल की ओर निकल पड़ा। वहाँ पहुँचते ही उन्हें चारों ओर सन्नाटा और अंधेरा मिला। राहुल का दिल तेजी से धड़कने लगा।
"क्या तुम लोग भी वही सोच रहे हो जो मैं सोच रहा हूँ?" राहुल ने अपने दोस्तों से पूछा।
"मुझे नहीं पता, यार," समीर ने कहा। "लेकिन यह जगह बहुत डरावनी है।"
"हमें जल्दी करना चाहिए," पंकज ने कहा। "अगर अरविंद सच में मुसीबत में है, तो हमें उसे बचाना होगा।"
जंगल के भीतर, उन्हें एक पुराना और टूटा-फूटा मोबाइल फोन पड़ा मिला। राहुल ने फोन उठाया और देखा कि फोन का डिस्प्ले चालू था, जिसमें केवल एक मैसेज था, "पता लगाओ, क्यों बुलाया गया है।"
"यह क्या है?" समीर ने पूछा। "यह तो और भी अजीब है।"
"शायद अरविंद ने कोई सुराग छोड़ा है," राहुल ने कहा। "हमें चारों ओर देखना चाहिए।"
राहुल और उसके दोस्तों ने चारों ओर देखना शुरू किया। अचानक, उन्हें एक पुरानी और अधजली डायरी मिली, जिसमें लिखा था, "इस जंगल में जो भी आता है, वो वापस नहीं जा पाता। उसकी आत्मा इस फोन में कैद हो जाती है।"
"यह तो बहुत भयानक है," पंकज ने कहा। "क्या यह सच हो सकता है?"
राहुल को अहसास हुआ कि अरविंद की आत्मा इस फोन में कैद हो चुकी है। उन्होंने सोचा कि अगर वे इस फोन को तोड़ देंगे, तो शायद अरविंद की आत्मा मुक्त हो जाएगी। लेकिन जैसे ही उन्होंने फोन तोड़ने की कोशिश की, जंगल में अजीब-सी आवाजें आने लगीं। तभी एक डरावनी छाया उनके सामने प्रकट हुई।
छाया एक भयानक भूत की थी, जिसकी आँखें लाल और जलती हुई थीं। भूत ने कहा, "इस जंगल में आने वाले हर आत्मा को मैं कैद कर लेता हूँ। तुमने मेरे खेल में दखल देने की हिम्मत कैसे की?"
राहुल के दोस्तों ने डर के मारे भागना शुरू कर दिया, लेकिन राहुल ने हिम्मत नहीं हारी। उसने भूत से कहा, "हम सिर्फ अपने दोस्त को बचाने आए हैं। उसे छोड़ दो।"
भूत ने एक डरावनी हंसी के साथ कहा, "अगर तुम उसे बचाना चाहते हो, तो तुम्हें इस फोन को तोड़ना होगा। लेकिन याद रखना, इस फोन को तोड़ते ही तुम सभी को मेरे श्राप का सामना करना पड़ेगा।"
राहुल ने फोन तोड़ने का निर्णय लिया। जैसे ही उसने फोन तोड़ा, एक तेज रोशनी के साथ अरविंद की आत्मा मुक्त हो गई। लेकिन भूत ने उन्हें नहीं छोड़ा। जंगल में अजीब-सी आवाजें आने लगीं और भूत ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया।
राहुल ने देखा कि एकमात्र तरीका भूत से बचने का था, उस मोबाइल फोन को जलाकर नष्ट करना। उसने फोन को उठाया और कहा, "हम सब इस मनहूस फोन की चपेट में आ चुके हैं। हमें इसे जलाना होगा।"
राहुल ने फोन को जलाया और जैसे ही फोन जलने लगा, भूत की चीखें गूंज उठीं। भूत ने चिल्लाते हुए कहा, "तुमने मेरी शक्ति को नष्ट कर दिया। अब मैं इस जंगल में कभी वापस नहीं आ पाऊँगा।"
भूत की छाया धीरे-धीरे गायब हो गई और जंगल में फिर से सन्नाटा छा गया। राहुल और उसके दोस्तों ने राहत की सांस ली और उन्होंने हमेशा के लिए उस पुराने स्कूल के पीछे वाले जंगल से दूर रहने की कसम खाई।
"यह अनुभव कभी नहीं भूलेंगे," समीर ने कहा।
"हां, और न ही हम कभी यहाँ वापस आएंगे," पंकज ने कहा।
राहुल ने उनकी ओर देखा और मुस्कुराया, "हमने आज कुछ बड़ा किया है। अब हमें आगे बढ़ना है और सुनिश्चित करना है कि यह कभी दोबारा न हो।"
इस घटना के बाद, राहुल और उसके दोस्तों की ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई। उन्होंने समझा कि दुनिया में कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें समझ पाना मुश्किल है, लेकिन दोस्ती और हिम्मत के दम पर हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है।
संदेश:
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कठिनाइयाँ और भयावह अनुभव आ सकते हैं, लेकिन दोस्ती, साहस और दृढ़ संकल्प के साथ हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं। हमें अज्ञात और अंधकार से डरना नहीं चाहिए, बल्कि मिलकर उसका सामना करना चाहिए। इस कहानी से यह भी स्पष्ट होता है कि कभी-कभी चीजें जैसी दिखती हैं, वैसी नहीं होतीं, और सचाई की खोज के लिए हमें अपने डर का सामना करना पड़ता है।
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