यह कहानी एक साधारण सी लड़की, आर्या, की है, जो एक दिन अचानक एक अनजान इंस्टाग्राम रिक्वेस्ट स्वीकार कर लेती है। यह रिक्वेस्ट उसकी जिंदगी को एक ऐसे भयावह मोड़ पर ले जाती है, जहां से निकलना उसके लिए बेहद मुश्किल हो जाता है। यह कहानी आपको डर और रोमांच के ऐसे अनुभव में डुबो देगी कि आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।




दिल्ली की ठंडी रातों में आर्या अपने कमरे में बैठी थी, जब उसकी इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर एक नोटिफिकेशन आया। उसने मोबाइल उठाकर देखा, "राहुल वर्मा" नाम का कोई अनजान शख्स उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज चुका था।
"ये कौन हो सकता है?" आर्या ने खुद से सवाल किया। प्रोफाइल पिक्चर में एक अधूरे चेहरे का धुंधला सा चित्र था, जो बहुत साफ नजर नहीं आ रहा था। आर्या ने एक पल के लिए सोचा, लेकिन फिर उसने सोचा, "क्या फर्क पड़ता है, वैसे भी तो सिर्फ इंस्टाग्राम ही है।" और उसने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली।
रात का समय था और आसमान में बादल थे, हवाएं भी अजीब सी थी, जैसे किसी बड़े तूफान की आहट हो। आर्या ने ध्यान नहीं दिया और मोबाइल बंद करके सोने चली गई
अगले दिन सुबह, आर्या की नींद खुली और उसने सबसे पहले इंस्टाग्राम चेक किया। वहाँ एक मैसेज था, उसी "राहुल वर्मा" से, "हाय आर्या, मैं जानता हूँ कि तुम कौन हो।"
आर्या को ये अजीब लगा, लेकिन उसने सोचा, "शायद कोई जान पहचान वाला है जो मजाक कर रहा है।" उसने जवाब दिया, "हाय, पर हम पहले मिले हैं क्या?"
राहुल का जवाब तुरंत आया, "नहीं, पर बहुत जल्दी मिलेंगे।" आर्या को थोड़ा अजीब तो लगा, पर उसने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया और दिनचर्या में लग गई।
दिनभर ऑफिस का काम, दोस्तों से बातचीत, और फिर रात में अपने कमरे में वापस आना। लेकिन हर रात, राहुल से अजीब-अजीब संदेश आते रहते थे, जिनमें वो उसे डरावनी बातें बताता था।
एक रात, राहुल ने आर्या को एक तस्वीर भेजी। तस्वीर में एक पुराना, टूटा-फूटा घर था, जो किसी वीरान इलाके में दिख रहा था। साथ में एक मैसेज था, "तुम्हें इस जगह पर आना होगा।"
आर्या के रोंगटे खड़े हो गए। उसने राहुल से पूछा, "ये कौन सी जगह है? और मैं वहाँ क्यों आऊं?"
राहुल ने जवाब दिया, "तुम्हारे सवाल बहुत हो गए। अब इंतजार करो।"
आर्या ने अब डर महसूस करना शुरू कर दिया। उसने सोचा कि ये खेल अब बहुत आगे बढ़ गया है। उसने राहुल को ब्लॉक करने की कोशिश की, लेकिन उसके इंस्टाग्राम पर एक अजीब बात हुई - वो प्रोफाइल ब्लॉक ही नहीं हो रही थी।
आर्या ने अपना मोबाइल बंद कर दिया और सोने की कोशिश की, लेकिन नींद उसकी आंखों से कोसों दूर थी। वो सिर्फ सोने की कोशिश में करवटें बदलती रही। रात के तीन बजे, उसके कमरे में अचानक से ठंड बढ़ने लगी।
आर्या उठकर बैठी, और उसे अपने कमरे के दरवाजे की ओर देखते ही एक साया नजर आया। वो साया धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ रहा था। उसने जल्दी से लाइट ऑन की, लेकिन वहाँ कोई नहीं था।
"ये क्या हो रहा है मेरे साथ?" उसने खुद से सवाल किया। उसे अपने चारों ओर एक खौफनाक माहौल का एहसास हुआ, जैसे कि वो घर अब सिर्फ उसका नहीं रहा।
अगले दिन आर्या ने अपने दोस्तों से इस बारे में बात की। सभी ने उसे यह सुझाव दिया कि उसे इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और पुलिस में शिकायत करनी चाहिए। लेकिन एक दोस्त, स्नेहा, ने उसे एक और बात बताई, "तुम्हें किसी पुराने तांत्रिक से मिलना चाहिए। ये मामला किसी इंसानी दखल का नहीं लगता।"
आर्या को ये सुझाव अजीब लगा, लेकिन उसके पास और कोई रास्ता भी नहीं था। उसने स्नेहा के साथ जाकर उस तांत्रिक से मिलने का फैसला किया।
तांत्रिक ने आर्या को देखकर ही कहा, "तुम्हारे ऊपर एक बहुत बड़ी मुसीबत मंडरा रही है। ये साया तुम्हें निगल सकता है। तुम्हें उस घर में जाना ही पड़ेगा, और वहीं जाकर तुम्हें उससे सामना करना होगा।"
आर्या ने अपने दोस्तों के साथ उस वीरान जगह जाने का फैसला किया। वो जगह दिल्ली से दूर एक छोटे से गाँव में थी। वहां पहुंचने पर वो सबने देखा कि वो वही घर था, जो राहुल ने तस्वीर में दिखाया था। घर बहुत पुराना और बर्बाद सा लग रहा था।
घर के अंदर जाने पर आर्या को कुछ अजीब सा एहसास हुआ, जैसे कोई उसे देख रहा हो। अचानक, एक भारी हवा चली और दरवाजे अपने आप बंद हो गए। आर्या और उसके दोस्तों ने एक दूसरे की ओर देखा, सबकी आंखों में डर साफ नजर आ रहा था।
आर्या ने साहस करके कहा, "हमें उस कमरे में जाना चाहिए, जहां से ये सब शुरू हुआ था।"
वो सब घर के अंदर एक अंधेरे कमरे की ओर बढ़े। कमरे के अंदर घुसते ही सबकी नजर एक पुराने आईने पर पड़ी। आईने में अचानक से राहुल का चेहरा दिखा, लेकिन वो इंसान नहीं, बल्कि एक बुरी आत्मा का रूप था।
राहुल की आत्मा ने जोर से हंसते हुए कहा, "तुम सब अब यहां से बचकर नहीं जा सकते।"

आर्या ने तांत्रिक की बताई हुई सारी बातों को याद किया और उस आत्मा से मुकाबला करने की कोशिश की। उसने आईने के सामने खड़े होकर कहा, "तुम्हें यहां से वापस जाना होगा। तुम्हारा वजूद अब खत्म हो चुका है।"
राहुल की आत्मा और भी भयानक रूप में आईने से बाहर निकली और आर्या की ओर बढ़ी। तभी, आर्या ने तांत्रिक द्वारा दिया गया ताबीज निकाला और आत्मा की ओर फेंका।
आत्मा की भयंकर चीख ने पूरे घर को हिला दिया, और आईना टूट गया। कमरे में मौजूद हर शख्स की आंखों के सामने अंधेरा छा गया। जब सबकी आंखें खुलीं, तो उन्होंने देखा कि घर फिर से शांत हो गया था। राहुल की आत्मा अब वहां नहीं थी।
जब आर्या और उसके दोस्त उस घर से बाहर निकले, तो सबके मन में एक ही सवाल था - "आखिर ये आत्मा आर्या के पीछे क्यों पड़ी थी?" आर्या खुद भी इस सवाल से जूझ रही थी।
स्नेहा, जो तांत्रिक के बारे में पहले से जानती थी, ने सुझाव दिया कि आर्या को एक बार फिर से उस तांत्रिक से मिलना चाहिए और इस बारे में और जानना चाहिए। आर्या ने सहमति जताई, और वो अगले ही दिन उस तांत्रिक के पास गई।
तांत्रिक ने आर्या को देखकर कहा, "तुम्हें अब तक समझ नहीं आया कि वो आत्मा तुम्हारे पीछे क्यों थी? इस आत्मा का तुम्हारे साथ गहरा संबंध है।"
आर्या हैरान होकर बोली, "कौन सा संबंध? मैं तो उस राहुल को जानती भी नहीं थी।"
तांत्रिक ने एक गहरी सांस ली और कहा, "राहुल की आत्मा इस दुनिया में भटक रही है क्योंकि उसकी मौत एक अधूरी चाहत के साथ हुई थी। उसने अपनी जिंदगी में बहुत से पाप किए थे, और वो तुम्हारे साथ अपने पुराने कर्मों का हिसाब चुकाना चाहता था। दरअसल, राहुल और तुम्हारे बीच पिछले जन्म का संबंध है। पिछले जन्म में तुम उसकी पत्नी थी, और उसने तुम्हें धोखा दिया था। उसकी आत्मा तबसे तुम्हारी तलाश में थी, और इस जन्म में उसने तुम्हें पहचान लिया।"
आर्या इस सच को सुनकर स्तब्ध रह गई। उसे अब समझ आ रहा था कि क्यों राहुल की आत्मा उसके पीछे पड़ी थी
जब आर्या ने राहुल की आत्मा को आईने में देखा, तो उसे अपने पिछले जन्म की कुछ झलकियाँ भी दिखीं। उसे वो समय याद आया जब राहुल ने उसे धोखा दिया था और कैसे उसकी मृत्यु हुई थी। राहुल की आत्मा ने भी उसे पहचाना और इसीलिए उसने आर्या को इस घर में लाने का षड्यंत्र रचा।
आईने के टूटने और आत्मा के चीखने के समय, राहुल की आत्मा ने आखिरी बार आर्या को चेतावनी दी, "तुम मुझसे बच गई हो, लेकिन मैं अब भी तुम्हारे पास वापस आ सकता हूँ। ये लड़ाई खत्म नहीं हुई है।"
हालांकि, तांत्रिक द्वारा दिए गए ताबीज और आर्या की हिम्मत के कारण, आत्मा को उस समय हार माननी पड़ी। लेकिन यह साफ था कि राहुल की आत्मा पूरी तरह से शांति में नहीं गई थी।
तांत्रिक ने आर्या को चेतावनी दी, "तुम्हें अब से बहुत सावधान रहना होगा। तुमने अभी इस लड़ाई का पहला दौर ही जीता है। राहुल की आत्मा फिर से तुम्हारी तलाश कर सकती है। इसलिए तुम्हें अपनी आत्मा को मजबूत करना होगा, और अपने चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखनी होगी।"
आर्या ने तांत्रिक की बातों को गंभीरता से लिया और तांत्रिक से उन उपायों के बारे में पूछा जिससे वह अपनी आत्मा को और मजबूत कर सके और खुद को इस आत्मा से बचा सके।
तांत्रिक ने उसे कुछ विशेष मंत्र, और एक पवित्र रक्षा सूत्र दिया, जिसे पहनने से वो किसी भी बुरी आत्मा से बची रह सके। साथ ही, उसे नियमित रूप से ध्यान और पूजा करने की सलाह दी, जिससे उसकी आत्मा और मजबूत हो सके
आर्या ने ये सब उपाय अपनाए और अपने जीवन को एक नई दिशा में ले जाने का प्रयास किया। उसने अपनी जिंदगी में कोई भी नेगेटिव चीज़ों को आने नहीं दिया और अपने चारों ओर सकारात्मकता बनाए रखी।
अंत
हालांकि आर्या ने उस रात की भयावहता को झेला, लेकिन अब वो एक नई सुबह का सामना कर रही थी। वो जानती थी कि उसने एक बड़ी लड़ाई जीती थी, लेकिन उसने यह भी सीखा कि जीवन में कभी भी किसी अनजान ताकत से खेलना नहीं चाहिए।
इस अनुभव ने आर्या को और भी मजबूत बना दिया, लेकिन साथ ही उसे इस सच्चाई से भी रूबरू करवाया कि कभी-कभी हमारे पिछले कर्म हमें इस जीवन में भी प्रभावित कर सकते हैं।
कहानी खत्म तो हो गई, लेकिन वो खौफनाक रात और वो अजीब आईना आर्या की यादों में हमेशा के लिए कैद हो गया।
कहानी का अंत डरावना था, लेकिन आर्या ने एक बड़ी सीख पाई, "कभी भी किसी अनजानी चीज़ को बिना सोचे-समझे अपनी जिंदगी में आने नहीं देना चाहिए।"
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें