अर्जुन और उसके दोस्तों की कहानी एक साधारण गांव से शुरू होती है, जहां लोगों की ज़िंदगी सीधी-सादी और शांतिपूर्ण होती थी। यह गांव अपने इतिहास और परंपराओं के लिए मशहूर था, लेकिन एक और चीज़ थी जिसने इस गांव को प्रसिद्धि दिलाई थी—एक पुरानी और अजीब गाड़ी। इस गाड़ी के बारे में गांव में कई कहानियां सुनाई जाती थीं। लोग कहते थे कि जब रात की अंधेरी घटनाओं का समय आता है, तो यह गाड़ी अपने आप चलना शुरू कर देती है, बिना किसी चालक के। इस गाड़ी को लेकर कई लोग डरते थे, लेकिन कुछ लोग इसे सिर्फ अफवाह मानते थे।


एक रात, अर्जुन नामक एक छोटे लड़के ने अपने दोस्तों के साथ इस गाड़ी की सच्चाई जानने का निश्चय किया। अर्जुन, राजू, मीनू और सनी—ये चारों दोस्त थे। इन सबकी उम्र लगभग तेरह-चौदह साल की थी, और इनकी दिलचस्पी भूत-प्रेत की कहानियों में थी। गांव के बुजुर्गों से इस गाड़ी की कहानियां सुनकर, उन्होंने सोचा कि क्यों न खुद जाकर देखा जाए कि क्या यह सच में भूतिया है या सिर्फ एक अफवाह है।
अर्जुन और उसके दोस्तों ने एक रात को, जब पूरा गांव सो चुका था, गाड़ी की तलाश में निकलने का प्लान बनाया। उन्होंने सोचा कि अगर गाड़ी सच में अपने आप चलती है, तो वे इसे खुद अपनी आंखों से देख सकते हैं। इस योजना को लागू करने के लिए, उन्होंने अपने घरवालों से झूठ बोला कि वे एक-दूसरे के घर में रुकेंगे, ताकि कोई उन्हें न ढूंढ सके।
रात का समय था, चारों दोस्त गांव के उस स्थान पर पहुंचे जहां वह पुरानी गाड़ी खड़ी होती थी। वह स्थान गांव से थोड़ा दूर था और जंगल के पास था। वहां पहुंचने के बाद, उन्होंने देखा कि गाड़ी सच में वहां खड़ी थी। यह एक पुरानी और जंग लगी गाड़ी थी, जिसकी बत्तियाँ बंद थीं और वह बिल्कुल शांत थी।
चारों दोस्तों ने गाड़ी के पास जाकर उसका निरीक्षण किया। उन्होंने देखा कि गाड़ी की हालत बहुत ही खराब थी, जैसे कई सालों से किसी ने इसका इस्तेमाल नहीं किया हो। इसके पहिये जंग खा चुके थे और खिड़कियाँ धूल से ढकी हुई थीं। लेकिन सबसे अजीब बात यह थी कि गाड़ी का दरवाजा खुला हुआ था, जैसे किसी ने इसे छोड़ दिया हो। अर्जुन ने हिम्मत करके गाड़ी के अंदर झांका, लेकिन अंदर कुछ भी नहीं था। बस धूल और जाल लगे हुए थे।
उन्हें लगा कि यह सिर्फ एक पुरानी गाड़ी है और इसमे कुछ भी खास नहीं है। लेकिन जैसे ही वे लौटने की सोच रहे थे, अचानक से गाड़ी की बत्तियाँ जल उठीं। चारों दोस्त चौंक गए और पीछे हट गए। उनकी सांसें तेज हो गईं और दिल की धड़कनें बढ़ गईं। गाड़ी का इंजन भी चालू हो गया और वह धीरे-धीरे चलने लगी।
वे देखते रह गए कि गाड़ी में कोई नहीं था, फिर भी वह चल रही थी। यह देख कर चारों के होश उड़ गए। गाड़ी गांव की दिशा में नहीं, बल्कि जंगल की दिशा में जा रही थी। अर्जुन और उसके दोस्त हिम्मत जुटाकर गाड़ी के पीछे-पीछे चलने लगे, ताकि देख सकें कि गाड़ी कहां जा रही है।
जंगल के अंदर एक अजीब रास्ता था, जो गाड़ी अपने आप पकड़ रही थी। यह रास्ता बहुत ही संकीर्ण और खतरनाक था, जहां से कोई नहीं जा सकता था। चारों दोस्त बड़े ही डर से भरे हुए थे, लेकिन उत्सुकता के कारण वे गाड़ी के पीछे-पीछे चलते रहे। अचानक, गाड़ी एक खुली जगह पर पहुंची और एक जगह रुक गई। चारों ने देखा कि वह जगह बहुत ही भयानक थी। वहां चारों ओर पेड़ थे और उनके बीच एक पुराना मंदिर था, जो टूट-फूट चुका था।
गाड़ी के रुकते ही, उसकी बत्तियाँ बंद हो गईं और चारों तरफ अंधेरा छा गया। तभी, गाड़ी के अंदर से एक डरावनी आवाज सुनाई दी, "तुम सबका वक्त खत्म हो गया है..." यह आवाज इतनी भयानक थी कि चारों दोस्त कांपने लगे।
अर्जुन और उसके दोस्त अपने डर को छिपाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यह आवाज उनके दिलों में घर कर गई। अचानक, गाड़ी के दरवाजे अपने आप बंद हो गए और फिर से चालू हो गई। इस बार, गाड़ी तेजी से उस मंदिर की ओर बढ़ने लगी। अर्जुन ने देखा कि गाड़ी के अंदर एक छाया थी, जो धीरे-धीरे आकार ले रही थी। वह छाया धीरे-धीरे एक आदमी के रूप में बदल गई, जिसके चेहरे पर कोई चेहरा नहीं था।
गाड़ी अचानक रुक गई और फिर से अंधेरा हो गया। उस वक्त, गाड़ी के गहरे गहराई से एक डरावनी चीख सुनाई दी। चारों दोस्तों ने देखा कि गाड़ी धीरे-धीरे गायब हो रही थी। वे समझ नहीं पाए कि यह सब क्या हो रहा था।
जैसे ही गाड़ी पूरी तरह गायब हो गई, चारों दोस्त बुरी तरह डर गए। उन्होंने तुरंत वहां से भागने का निश्चय किया। लेकिन जैसे ही वे भागने लगे, एक अदृश्य ताकत ने उन्हें रोक लिया। अर्जुन ने महसूस किया कि वह ताकत उन्हें खींच रही थी। चारों दोस्तों ने पूरी ताकत से वहां से निकलने की कोशिश की, लेकिन वह अदृश्य ताकत बहुत मजबूत थी।
तभी, अर्जुन को याद आया कि उसके दादा ने एक बार बताया था कि इस गांव के जंगल में एक पुराना मंदिर है, जो देवताओं को समर्पित है और जहां देवी-देवताओं की उपासना की जाती थी। उन्होंने यह भी कहा था कि इस मंदिर की मिट्टी में देवताओं की शक्ति है और यह किसी भी बुरी ताकत से बचा सकती है। अर्जुन को यह बात याद आते ही उसने अपने दोस्तों को यह बताया और उनसे कहा कि हमें उस मंदिर की मिट्टी से बचाव करना चाहिए।
हालांकि, वह मंदिर उनके पहुंच से बाहर था, लेकिन वे जानते थे कि मंदिर की दिशा कहां है। उन्होंने हिम्मत जुटाकर उस दिशा में जाने का प्रयास किया। अदृश्य ताकत ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन अर्जुन ने अपने दोस्तों से कहा कि वे एक-दूसरे का हाथ पकड़कर रखें और एक साथ रहें। उन्होंने जोर से "ओम" मंत्र का जाप करना शुरू किया, जैसा कि उनके दादा ने उन्हें सिखाया था।
जैसे ही वे मंदिर की दिशा में बढ़ते गए, उन्हें महसूस हुआ कि उस अदृश्य ताकत की पकड़ कमजोर पड़ रही थी। आखिरकार, वे उस स्थान पर पहुंचे जहां मंदिर की मिट्टी थी। उन्होंने जल्दी से उस मिट्टी को उठाया और अपने ऊपर और एक-दूसरे पर लगाना शुरू किया।
मिट्टी लगाते ही, उन्होंने महसूस किया कि अदृश्य ताकत पूरी तरह से गायब हो गई थी। वे सुरक्षित महसूस करने लगे और उन पर से डर का भार हट गया। उन्होंने जल्दी से उस जगह को छोड़ दिया और गांव की ओर भागे।
गांव पहुंचकर, उन्होंने सोचा कि किसी को इस घटना के बारे में बताना चाहिए, लेकिन किसी ने उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया। उन्होंने खुद भी इस घटना को भुलाने की कोशिश की, लेकिन वह डरावनी रात हमेशा उनके दिलों में बसी रही। उस रात ने उन्हें सिखाया कि कभी-कभी हमारे पूर्वजों की कहानियों में सच्चाई होती है, और कुछ शक्तियां वास्तव में अज्ञात और अदृश्य हो सकती हैं।
इस तरह, अर्जुन और उसके दोस्त उस भयानक रात से बचकर निकले, लेकिन वह अनुभव उन्हें जीवनभर याद रहेगा।
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