पिछली कड़ी में: राघव, नीलिमा, शेखर, और मनीष एक पुरानी सुरंग के अंदर प्रवेश कर चुके हैं, जहां उन्हें 'अंतिम यात्रा एक्सप्रेस' के बारे में पता चला। सुरंग में प्रवेश करने के बाद, उन्हें एक रहस्यमयी ट्रेन दिखाई दी, जो बिना किसी पटरियों के हवा में तैर रही थी। जैसे ही वे ट्रेन के अंदर पहुंचे, दरवाजे अपने आप बंद हो गए और उन्हें एहसास हुआ कि वे किसी अनजानी दुनिया में फंस चुके हैं। अब उनके सामने सिर्फ एक ही रास्ता है – इस भयानक ट्रेन के इंजन की ओर बढ़ना और इसका रहस्य सुलझाना जैसे ही वे सब इंजन की ओर बढ़ने लगे, डिब्बे की सारी लाइट्स अचानक बुझ गईं। अब ट्रेन के अंदर बस घना अंधेरा था। हर तरफ से आवाजें गूंजने लगीं — चिल्लाहटें, हंसी, और रोने की आवाजें। "ये... ये क्या हो रहा है?" नीलिमा ने घबराते हुए कहा। "शांत रहो, नीलिमा। ये हमें डराने की कोशिश कर रहे हैं।" राघव ने कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में भी एक डर की झलक साफ सुनाई दे रही थी। अचानक, एक तेज़ हवा का झोंका आया, और ट्रेन के दरवाजे अपने आप खुलने-बंद होने लगे। सीटों पर बिखरी हुई चीज़ें एकाएक हवा में उठ...
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