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खामोशी की चीख़ (अंतिम भाग)

  राघव एक पुराना मकान देखने आया था, जो शहर से दूर था और जिसके बारे में यह अफवाह थी कि वह जगह भूतिया है। लेकिन राघव को इन बातों पर यकीन नहीं था। उसने सोचा कि यह सिर्फ़ लोगों की काल्पनिक कहानियाँ हैं। मकान कई सालों से खाली पड़ा था, और उसमें कोई आना नहीं चाहता by Nisha Yadav