अर्जुन और उसके दोस्तों की कहानी एक साधारण गांव से शुरू होती है, जहां लोगों की ज़िंदगी सीधी-सादी और शांतिपूर्ण होती थी। यह गांव अपने इतिहास और परंपराओं के लिए मशहूर था, लेकिन एक और चीज़ थी जिसने इस गांव को प्रसिद्धि दिलाई थी—एक पुरानी और अजीब गाड़ी। इस गाड़ी के बारे में गांव में कई कहानियां सुनाई जाती थीं। लोग कहते थे कि जब रात की अंधेरी घटनाओं का समय आता है, तो यह गाड़ी अपने आप चलना शुरू कर देती है, बिना किसी चालक के। इस गाड़ी को लेकर कई लोग डरते थे, लेकिन कुछ लोग इसे सिर्फ अफवाह मानते थे। एक रात, अर्जुन नामक एक छोटे लड़के ने अपने दोस्तों के साथ इस गाड़ी की सच्चाई जानने का निश्चय किया। अर्जुन, राजू, मीनू और सनी—ये चारों दोस्त थे। इन सबकी उम्र लगभग तेरह-चौदह साल की थी, और इनकी दिलचस्पी भूत-प्रेत की कहानियों में थी। गांव के बुजुर्गों से इस गाड़ी की कहानियां सुनकर, उन्होंने सोचा कि क्यों न खुद जाकर देखा जाए कि क्या यह सच में भूतिया है या सिर्फ एक अफवाह है। अर्जुन और उसके दोस्तों ने एक रात को, जब पूरा गांव सो चुका था, गाड़ी की तलाश में निकलने का प्लान बनाया। उन्होंने सोचा कि अग...
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