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मोहब्बत के अंधेरो में-अंत लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

साए का इश्क़-अंत

अज़ल और जिया: प्यार, नफरत और एक नई ज़िंदगी की शुरुआत "कभी-कभी, नफरत के बीज से भी प्यार का फूल खिल सकता है। लेकिन जब अंधेरा उस फूल को मुरझाने पर मजबूर कर दे, तब क्या होगा?" शादी के बाद अज़ल और जिया के बीच हर दिन तकरार होती थी। जिया ने कभी नहीं चाहा था कि वह अज़ल के साथ रहे। वह मजबूरी में बंधी थी, और अज़ल को भी यह रिश्ता किसी सजा से कम नहीं लगता था। लेकिन, न चाहते हुए भी वे एक-दूसरे के करीब आने लगे थे। एक रात, अज़ल पार्टी से लौटा तो जिया कमरे में बैठी थी। वह अपनी जगह से उठने ही वाली थी कि अज़ल ने दरवाजा बंद कर दिया। "कहाँ जा रही हो?" "तुम्हारी कोई भी बात सुनना मेरी ज़रूरत नहीं है," जिया ने ठंडे स्वर में कहा। अज़ल ने उसकी कलाई पकड़ ली। "सिर्फ सुनना नहीं, समझना भी ज़रूरी है।" जिया ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन अज़ल ने उसे पास खींच लिया। उनकी साँसें आपस में उलझने लगीं। "तुम क्या चाहते हो?" जिया ने धीरे से कहा, उसकी आवाज़ में गुस्सा और डर दोनों थे। अज़ल ने बिना हिचक कहा, "तुम्हें... तुम्हारी हर नफरत के बावज...